रवि प्रकाश जूनवाल
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर : जाने वाले तो इस धरती से चले जाते हैं, परंतु उनकी यादें कभी-कभी इंसान को इस कदर कायल कर देती है कि उनके पास यादों को उजागर करने के लिए शब्दों का अथाह समुद्र भी कम पड़ जाता है। ऐसा ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ के साथ हुआ। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की यादों को ताजा करते हुए बैंसला की जयंती पर राजस्थान की जनता के नाम लिखने के लिए मजबूर कर दिया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संदेश ऐसे समय लिखा गया, जब सोमवार को अजमेर जिले के पुष्कर अस्थि कलश विसर्जन के दौरान में गुर्जर समाज के द्वारा सभा में जूते उछाल कर एक अशोभनीय कृत्य किया गया। मुख्यमंत्री का कर्नल बैंसला की जयंती पर संदेश का मूल रूप इस प्रकार से है :–

” कर्नल किरोड़ी सिंह जी बैंसला ने हिंडौन के मूंडिया गांव से लेकर देश-दुनिया में नाम कमाने के सफर में कर्नल बैंसला ने तमाम मुश्किलों का सामना किया।
एक सैन्य अधिकारी के रूप में कर्नल बैंसला ने 1962, 1965 एवं 1971 के युद्धों में हिस्सा लिया। 1965 के भारत-पाक युद्ध में उन्हें युद्धबंदी तक बनाया गया परन्तु पाकिस्तानी सेना भी उनके मजबूत इरादों को डिगा नहीं सकी। कृतसंकल्पित होने के कारण अपने साथियों के बीच वो ‘रॉक ऑफ जिब्राल्टर’ के नाम से जाने जाते थे।
सेना से रिटायरमेंट लेने के बाद कर्नल बैंसला समाजसेवा एवं सामाजिक चेतना के कार्य में लग गए। सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े गुर्जर समाज के उत्थान के लिए कर्नल बैंसला ने समाज के लिए आरक्षण की मांग की एवं इसके लिए कई दफा आंदोलन किए।
आरक्षण आंदोलन के दौरान मेरी कई बार उनसे मुलाकात एवं वार्ता हुई। मैंने देखा कि वो एक बेहद सुलझे हुए इंसान थे जो हमेशा अपने समाज को आगे रखकर चलते थे। उनके मजबूत इरादों का एक उदाहरण ये है कि इस बार जब उन्होंने कुछ मांगों को लेकर आंदोलन किया तब वो कोविड से संक्रमित थे परन्तु समाज के लिए वो शारीरिक कष्ट सहकर भी अपनी मांगों पर अडिग रहे।
मुझे प्रसन्नता है कि कर्नल बैंसला द्वारा समाज के लिए की गई मांग को मेरी सरकार के कार्यकाल में पूरा किया गया एवं मेरे कार्यकाल में उनके नेतृत्व में किए गए किसी भी आंदोलन में मेरी सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया गया। कर्नल बैंसला जब अस्वस्थ हुए तब मेरी उनसे व उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने वाले डॉक्टरों से लगातार बात होती रहती थी।
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का आज जन्मदिवस एवं अस्थि विसर्जन है। यह दुखद है कि वो आज हमारे बीच नहीं हैं परन्तु गुर्जर समाज के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों को हमेशा याद रखा जाएगा। मैं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जी को उनकी जयंती पर नमन करता हूँ।”

कर्नल बैंसला की जयंती अस्थि विसर्जन के मौके पर अजमेर में सभा के दौरान अशोभनीय माहौल पैदा होने की बात मंगलवार अखबारों में खबर छपी, वह सही मायने में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला द्वारा समाज के कल्याण के लिए उनके जीवन के अमूल्य योगदान की महिमा को कम करने जैसा है।