रवि प्रकाश जूनवाल
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर : कारोबार एवं लेनदेन की आत्मा कहे जाने वाले बैंकिंग सेक्टर के अधिकारी व कर्मचारियों ने बैंकिंग प्रबंधन की मनमानी नीतियों के चलते हड़ताल पर जाने के संकेत दिए है। बैंकिंग सेक्टर के अधिकारियों व कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से देश की अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा डांवाडोल हो जाती है, लेकिन यह बात प्रबंधन के दिमाग में नहीं घुस रही है।

नेशनल ऑर्गेनाइजेशन बैंक ऑफिसर्स के वर्किंग प्रेसिडेंट अशोक मीणा ने हैलो सरकार को बताया कि यूनिट इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के आव्हान पर प्रबंधन की नीतियों के चलते हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूनिट इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव आदर्श एनके ने आव्हान किया है कि बैंकिंग प्रबंधन ना तो ट्रेड यूनियन के नेताओं को बातचीत के लिए बुला रहा है और ना ही ट्रेड यूनियन के नेताओं को किसी प्रकार की सुविधा दी जा रही है। इसलिए बैंक प्रबंधन की हठधर्मिता के चलते बैंक ऑफिसर्स एवं कर्मचारीगण आंदोलन करने पर मजबूर हो रहे हैं।
वर्किंग प्रेसिडेंट अशोक मीणा ने बताया कि बैंकिंग प्रबंधन बैंकिंग ऑफिसर्स को मनमाने ढंग से स्थानांतरण करके उनको हैरान परेशान कर रहे हैं। श्री मीणा ने हैलो सरकार को बताया कि एसोसिएशन के साथ द्विपक्षीय वार्ता होनी चाहिए। इसके अलावा आईपीपीबीओए के पदाधिकारियों के स्थानांतरण में संशोधन, बैंक में पारदर्शी स्थानांतरण नीति, पूर्वव्यापी तिथि के साथ 8वें संयुक्त नोट व 11वें बीपीएस को लागू करना, टीए डीए भत्ता में संशोधन, वर्ष 2021-22 की पदोन्नति के नियमों में संशोधन, स्केल IV की भर्ती में विसंगतियों को दूर करना, वर्गीकरण, जनशक्ति योजना और शाखाओं को पर्याप्त कर्मचारी प्रदान करना, इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन द्वारा सूचित आईपीपीबीओए के पदाधिकारियों को विशेष अवकाश की सुरक्षा और स्वीकृति, न्यूनतम वेतन दिशानिर्देश के अनुसार पूर्णकालिक कार्यालय परिचारक (चपरासी) की भर्ती के बारे में बैंकिंग प्रबंधन जानबूझकर एसोसिएशन की मांगों को नजरअंदाज कर रहा है। इसलिए बैंकिंग प्रबंधन द्वारा समय रहते हुए उचित कार्रवाई नहीं की गई तो मजबूरन बैंकिंग सेक्टर के ऑफिसर्स एवं कर्मचारी गण 30 और 31 जनवरी 2023 को हड़ताल पर जा सकते हैं। जिसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार बैंकिंग सेक्टर के प्रबंधन रहेगा।

श्री अशोक मीणा ने बताया कि नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स और भारतीय मजदूर संघ द्वारा प्रायोजित पोस्टल पेमेंट बैंक ऑफिसर एसोसिएशन की सभी मांगों को लेकर आज यह आंदोलन किया जा रहा है। यदि आवश्यकता पड़ी तो हड़ताल पर जाने का भी निर्णय लिया जाएगा। हम चाहते हैं कि पोस्टल पेमेंट बैंक के प्रबंधन को समय रहते सद्बुद्धि आये, इसलिए यह सांकेतिक आंदोलन की घोषणा की गई है। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए भारतीय मजदूर संघ और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन बैंक ऑफिसर्स के साथ सभी वित्तीय इकाइयां भी समर्थन में उतरी हैं। फिर भी प्रबंधन को समझ में नहीं आई तो आवश्यकता पड़ने पर ऑल इंडिया हड़ताल की जाएगी।
अब देखना होगा कि क्या बैंकिंग प्रबंधन ऑफिसर्स एवं कर्मचारीगणों के संगठनों की बात मानता है या नहीं। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बहरहाल, यदि बैंकिंग सेक्टर में हड़ताल होती है तो इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था डांवाडोल होगी, अपितु आम जनता को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।