रवि प्रकाश जोरवाल
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
सिरोही। “तू डाल-डाल, मैं पात-पात” के कहावत को सिद्ध कर रही है राजस्थान पुलिस। जी हां, राजस्थान पुलिस का यह प्रशंसनीय कार्य सिरोही जिले की पुलिस ने किया।
कौन हुआ साइबर ठगी का शिकार
गौरतलब है कि जे के फैक्ट्री पिण्डवाडा के इंजीनियर देवानंद यादव ने साइबर पुलिस थाना सिरोही में एक लाख नवासी हजार नौ सौ रुपयों की ठगी के बारे में बताया कि साइबर ठगों ने पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के बहाने ठग लिए।

कैसे हुआ ठगी का शिकार
इंजीनियर ने अपनी तहरीर में बताया कि मेरे पास एक अनजान नंबर से कॉल आया और बोला कि बैंक से बोल रहा हूं, आपका बैंक अकाउंट पेन और आधार से लिंक नहीं हैं। आपको एक लिंक भेजा हैं उससे पेन आधार को जल्दी से अपडेट कर लीजिए अन्यथा आपका अकाउंट ब्लॉक हो जायेगा। मैंने उस लिंक पर क्लिक किया तो एस.बी.आई. योनो एप्लीकेशन का पेज ओपन हुआ। जैसे ही मेरे खाते के इंटरनेट बैंकिंग के यूजर आईडी से लॉगिन किया तो लॉगिन करते ही मेरे खाते से 1,89,900 रुपए डेबिट हो गये।
ठगी की रकम वापिस कैसे मिली
जैसे ही इंजीनियर के साथ ठगी हुई तुरंत अपने आप को संभालते हुए साइबर पुलिस थाना सिरोही में मुकदमा दर्ज करवाया। सिरोही जिले की पुलिस अधीक्षक श्रीमती ममता गुप्ता के निर्देशन में चलाए जा रहे अपराधों की रोकथाम के विशेष अभियान के तहत श्री ब्रजेश सोनी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरोही के निकट सुपर विजन में व श्री दिनेश कुमार आर.पी.एस. थानाधिकारी साईबर पुलिस थाना सिरोही के नेतृत्व में साईबर पुलिस थाना सिरोही द्वारा साईबर अपराधों के विरूद्ध अभियान के तहत त्वरित कार्यवाही करते हुए संबंधित पेमेंट गेटवे और बैंक अधिकारियों से पत्राचार से संपर्क कर बैंक खाते से अनाधिकृत तरीके से स्थानान्तरित हुई राशि ₹1,89,900 को फ्रॉडस्टर द्वारा आहरित करने से पहले ही फ्रीज करवाकर पुनः प्रार्थी श्री देवानंद के खाते में जमा करवाने में सफलता प्राप्त की।
साइबर टीम को सहायता करने में साइबर थाना सिरोही के पुलिस निरीक्षक हरचंद राम, उप निरीक्षक दीप सिंह, हेड कांस्टेबल पारस कुमार, कॉन्स्टेबल जगदीश चौधरी, कॉन्स्टेबल रमेश कुमार, अमृतलाल अशोक कुमार की विशेष भूमिका रही। साइबर टीम की सराहनीय कार्यों के लिए पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने सभी को पुरस्कृत करते हुए बड़ी प्रशंसा की।
