रवि प्रकाश जूनवाल
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोदी पर ट्विटर युद्ध छेड़ दिया है। अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ( ERCP) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया है- प्रधानमंत्री मोदी जी, आपने आज अच्छा अवसर गंवा दिया। आप पिछले विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादे ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के आश्वासन को पूरा करते तो प्रदेश की जनता स्वागत करती। दौसा जिला भी ERCP के 13 जिलों में शामिल है। फिर भी मैंने इस बजट में ERCP के लिए 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

गौरतलब है कि राजस्थान के 13 जिलों में ERCP को देखकर जनता कई बार आंदोलन कर चुकी है। इसी का फायदा उठाते हुए अशोक गहलोत ने मोदी के दौसा पहुंचने से पहले ही अपने बजट भाषण में 13000 करोड़ रुपए का बजट घोषणा कर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनसभा में ERCP पर खुलकर नहीं बोलने के कारण संभवतः अशोक गहलोत मोदी सरकार पर निशाना साधने में सफल होते नजर आ रहे हैं।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बेहद जरूरी है। राज्य सरकार अपने संसाधनों से ERCP के काम को आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें। ताकि कार्यों को गति मिले और आमजन को समयबद्ध पानी उपलब्ध हो सके।

अशोक गहलोत का पहला निशाना ERCP राष्ट्रीय परियोजना हो
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौसा पहुंचने पर ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग कर डाली। उन्होंने कहा- हमारी सरकार ERCP का काम पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है। हमने बजट में भी 13,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। ताकि राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था हो सके। ऐसे में आप इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें।
राजस्थान में पानी संकट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाते हुए गहलोत ने कहा- ERCP राजस्थान में मुद्दा बन चुका है। आपने जयपुर और अजमेर चुनाव प्रचार के दौरान इसका जिक्र किया था। आपने पॉजिटिव रूप में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की बात कही थी। मेरी इतनी ही रिक्वेस्ट है आपसे । एक और परियोजना की आप घोषणा करेंगे तो राजस्थान के लोग आपके आभारी रहेंगे। जहां आप आज सभा कर रहे हैं, वह जिला दौसा, जयपुर समेत राजस्थान के 13 जिले ERCP से प्रभावित हैं। अगर आप प्रायोरिटी से इस पर काम करेंगे। 13 जिलों की प्यास बुझेगी। वरना आप जानते हैं, राजस्थान में पानी को लेकर हम संकट में हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- मैं राजस्थान के ऐतिहासिक बजट की कुछ घोषणाएं जनता के साथ साझा करना चाहता हूं। क्योंकि आपने अपने भाषण द्वारा जनता को गुमराह करने का प्रयास किया है। इसलिए जनता के सामने सच्चाई रखना जरूरी है।
गहलोत ने ट्वीट कर गिनाई बजट की 25 घोषणाएं….
• हर परिवार को 25 लाख रुपये का चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा एवं 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलेगा।
• गरीब परिवारों को महंगाई से राहत देने के लिए प्रत्येक NFSA परिवार को फ्री गेहूं के साथ एक किलो दाल, चीनी, नमक, खाद्य तेल एवं मसाले निशुल्क दिए जाएंगे।
• प्रत्येक उज्ज्वला परिवार को गैस सिलेंडर 500 रुपये में उपलब्ध करवाया जाएगा।
• सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी। किसानों को हर महीने 2000 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी।
• बुजुर्गों, विधवाओं, अनाथों एवं दिव्यांगों की न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये की जाएगी।
• लम्पी महामारी से मारी गई दुधारों गायों के लिए 40,000 रुपये प्रति गाय दिए जाएंगे। कामधेनु पशु बीमा योजना में 40,000 रुपये का बीमा हर परिवार में 2 दुधारू पशुओं को दिया जाएगा, नंदीशालाओं को पूरे वर्ष यानी 12 महीने का अनुदान मिलेगा।
• राज्य सरकार के कार्मिकों के साथ बोर्ड, निगम, सरकारी कंपनियों एवं विश्वविद्यालय के कार्मिकों को भी ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा।
• 500 करोड़ रुपये का युवा विकास एवं कल्याण कोष बनाया जाएगा।
• 30,000 बच्चों को कोचिंग लेने पर पूरी फीस सरकार द्वारा वहन
• 500 बच्चों के विदेश में पढ़ाई करने पर पूरी फीस सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
• हर ब्लॉक पर सावित्रीबाई फुले रीडिंग रूम एवं डिजिटल लाइब्रेरी शुरू की जाएंगी।
• सरकारी भर्तियों के लिए युवाओं द्वारा एक बार रजिस्ट्रेशन करवाने के पश्चात भविष्य में कोई भी परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा।
• 5 नई यूनिवर्सिटी, 3 नए मेडिकल कॉलेज, 27 नए कॉलेज, 20 नए महिला कॉलेज, 2 पशु चिकित्सा कॉलेज एग्रीकल्चर कॉलेज एवं हॉर्टिकल्चर कॉलेज खोले जाएंगे।
• अब पहली से 12वीं क्लास तक RTE के तहत प्राइवेट स्कूलों में फ्री शिक्षा मिलेगी।
• 1000 नए महात्मा गांधी राजकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाएंगे।
• मनरेगा एवं इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में 125 दिन काम मिलेगा।
• ठेके पर अब कोई कर्मचारी नहीं रखे जाएंगे, जो ठेके पर हैं। उन्हें सरकारी कंपनी के तहत काम में लिया जाएगा।
• ठेके पर अब कोई कर्मचारी नहीं रखे जाएंगे, जो ठेके पर हैं। उन्हें सरकारी कंपनी के तहत काम में लिया जाएगा।
• पार्ट टाइम मानदेय कर्मियों जैसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, कुक, परांश आदि को रिटायरमेंट पर 2-3 लाख रुपये का पैकेज दिया जाएगा।
• प्रदेश में शांति एवं सद्भाव स्थापित रखने के लिए शांति एवं अहिंसा विभाग के तहत हर वॉर्ड एवं पंचायत पर 50,000 प्रेरक लगाए जाएंगे।
• कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी दी जाएगी।
• पंजीकृत श्रमिकों एवं ठेला लगाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को बीमार होने पर बीमारी का खर्चा सरकार वहन करेगी एवं इनकी दिहाड़ी मजदूरी का नुकसान ना हो इसलिए 7 दिन तक 200 रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे।
• जोमेटो, स्विगी, ऊबर, ओला जैसी इंटरनेट आधारित कंपनियों में कार्य करने वाले गिग वर्कर्स को शोषण से बचाने के लिए गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड एवं 200 करोड़ रुपये का गिंग वर्कर्स वेलफेयर फंड बनाया जाएगा. इसके लिए गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट लाया जाएगा।
• आईटी का इस्तेमाल करते हुए प्रत्येक पात्र व्यक्ति को उनकी पात्रता के अनुसार ही बिना आवेदन किए सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सभी जरूरी सरकारी प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके साथ ही, पात्रता के अनुसार स्वतः ही सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित होगा।
• सामाजिक सुरक्षा के लिए महात्मा गांधी मिनिमम गारंटी इनकम स्कीम लाई जाएगी। जिसमें मनरेगा, इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में सभी जरूरतमंदों को रोजगार सुनिश्चित होगा एवं आयु या दिव्यांग होने के कारण काम नहीं कर पाने पर न्यूनतम 1000 रुपये सोशल सिक्योरिटी पेंशन दी जाएगी।

मोदी ने गहलोत पर कसा तंज
अशोक गहलोत ने अपने ट्विटर के जरिए प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए बोले इससे पहले दौसा में PM नरेंद्र मोदी ने गलत बजट का भाषण पढ़ने पर अशोक गहलोत पर एक पुरानी घटना का जिक्र कर तंज कसा है। पीएम मोदी ने कहा- सवाल यह नहीं है कि कौन सा वाला (बजट) पढ़ा गया था। सवाल यह है कि जब आपने पिछले वाला पढ़ा था। तब आपने उसे एक साल तक डिब्बे में बंद करके रखा था इसलिए ये हुआ। मुझे एक घटना याद आती है। जब मैं राजनीति में नहीं था। संघ का काम करता था और आम तौर पर संघ परिवार के घर ही भोजन के लिए जाता था। एक बार मुझे मेरे वरिष्ठ साथी मिले और मुझे अपने साथ एक शादी में लेकर चले गए।
जिनकी शादी थी, वो दर्जी थे। जब हम पहुंचे तो अपने घर के बाहर बैठकर काम कर रहे थे। मैंने पूछा कि इनके यहां शादी है, लेकिन यहां तो सब साधारण है। उन्होंने जब पूछा तो पता चला कि शादी तो एक साल पहले ही हो गई थी। शादी का जब कार्ड देखा। तो पिछले साल का कार्ड निकला। इसके बाद हम दोनों बिना खाए वापस आ गए। इस बात का राजस्थान से लेना-देना नहीं है। मुझे पुरानी बात याद आई तो सोचा आप लोगों को बता दूं।
प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए गहलोत ने गिनाईं मनमोहन की उपलब्धियां
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए गहलोत ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि राजस्थान तेजी से तरक्की कर रहा है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल को याद करते हुए कहा, भारत सरकार रोड विकास का काम कर रही है। मैं समझता हूं कि वाजपेयी के वक्त से ये शुरू हुआ था। उन्होंने देश का नक्शा बदल दिया, इसमें कोई संदेह नहीं है। इसके अलावा मनमोहन सिंह के उदारीकरण का भी काफी योगदान है। देश में तेजी से विकास काम हो रहा है ये मनमोहन सिंह के उदारीकरण का ही परिणाम है।
एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से मुलाकात
रविवार को जयपुर एयरपोर्ट पर पीएम मोदी को सी ऑफ करने के लिए पहुंचे सीएम अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र पहुंचे। मोदी और गहलोत की यह तस्वीर आज सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है। दौसा के धनावड़ में पीएम मोदी ने गहलोत पर नाम लिए बिना खूब तंज कसे। पिछले साल के बजट का एक पन्ना पढ़ने पर पीएम ने आरएसएस में काम करने के दौरान की कहानी सुनाई। खूब तंज कसे, लेकिन गहलोत का नाम नहीं लिया। इसके कुछ ही देर बाद पीएम मोदी और गहलोत जिस अंदाज में मिले, उससे लगा ही नहीं कि कोई सियासी तल्खी है। इसीलिए कहा जाता है राजनीति में जो होता है, वह दिखता नहीं ओर जो दिखता है वह होता नहीं।
बहरहाल, दोनों नेताओं के बीच क्या लुकाछिपी चल रही है, उससे राजस्थान की जनता से कोई लेना-देना नहीं है। राजस्थान की जनता चाहती है कि ERCP के द्वारा राजस्थान की जनता की प्यास बुझाई जाए। यदि समय रहते हुए राज्य सरकार और केंद्र सरकार जनता की प्यास बुझाने के लिए ERCP परियोजना की क्रियान्वित नहीं करते हैं तो मजबूरन राजस्थान की जनता को बड़ा जन-आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।