फिल्म “ऑक्सीजन दी ऑईकानिक टुर्थ ” का विश्व आदिवासी दिवस मुम्बई से होगा आगाज

हैलो सरकार सिटी रिपोर्टर
डिस्टीब्यूटर्स के साथ हुए अंतिम निर्णय के अनुसार बादल झरवाल की मोस्ट अवैटेट हिन्दी फिल्म ” ऑक्सीजन दी ऑईकानिक टुर्थ ” को विश्व आदिवासी दिवस (09 अगस्त ) को मुम्बई मे सिनेमा जगत की दिग्गज हस्तियो की मौजूदगी मे दिखाया जायेगा।
आदिवासी मीणा जनजाति की गौरवशाली ऐतिहासिक यादो को इस फिल्म मे एक लाजवाब प्रेम कहानी के जरिए सामने लाया जा रहा है और जिसका क्लाइमैक्स ऑक्सीजन-4 मे ही दिखाया जायेगा। सस्पेंस और रोमांच से भरपूर यह एक बहुत ही लाजवाब फिल्म है। ऑक्सीजन फ्रेंचाइजी की इन चारों फिल्मों की कहानी, स्क्रीन प्ले, संवाद और गीत स्वयं बादल झरवाल ने ही लिखे है। और इस फिल्म मे इनके चार किरदारों के साथ निर्देशन भी इन्हीं का है। इस फिल्म से निष्ठा डागूर बाँलीवुड में शानदार एन्ट्री ले चुकी हैं। और अन्य कलाकारों के रूप में इस फिल्म मे बाँलीवुड के जाने माने अभिनेता धनञ्जय सिंह, राखी शुक्ला, सत्यनारायण टेलर, पूरण मल पारीक ( जवान भाई ) हितैषी धीन्गरा, चंद्र कटारिया, सिकंदर चौहान, सुभाष सेठ, चंद्र भान सिंह, दिलीप सिंह नरूका, राजीव मिश्रा, विकास शर्मा, मोहन शर्मा, राम शंकर भारद्वाज, पृथ्वी सिंह मान्जू, दीपा चौधरी, निशा सेठ, राम चंद्र मीणा, मीनाक्षी शर्मा, विवान मीणा, मिली शर्मा , रंजीत वर्मा आदि ने अहम भूमिकाऐ निभाई है।


इस फिल्म की कहानी राजस्थान की पृष्ठभूमि से संबंधित होने के कारण इस फिल्म की सम्पूर्ण शूटिंग रन्गीले राजस्थान की खूबसूरत लोकेशन पर ही की गयी है। फिल्म की लम्बाई 2 घण्टे 40 मिनिट की है और इस फिल्म का स्क्रीन प्ले इतना सटीक और फास्ट है कि फिल्म देखने वाले दंग रह जाते हैं। फिल्म के संवाद बहुत ही जोशीले और सार गर्भित है। फिल्म का गीत संगीत और बैकग्राउंड म्यूजिक भी बेमिसाल है। 07 जुलाई, 2023 को कांग्रेस पार्टी के माननीय वरिष्ठ विधायक श्री राम नारायण जी मीणा की अध्यक्षता में पिन्क सिटी प्रेस क्लब जयपुर में इस फिल्म का एक भव्य विशेष प्रीमियर शो भी आयोजित किया जा चुका है और जिसमें इस फिल्म को देखने वालों ने इस फिल्म को सुपर हिट करार दिया है और मीडिया ने भी इस फिल्म को 5 मे से 5 स्टार दिये है।
यह तथ्य और सत्य बहुत ही गौरतलब है कि मीणा जनजाति के गौरवशाली इतिहास को बॉलीवुड के इतिहास में पहली बार एक लाजवाब हिन्दी फिल्म के जरिये दिखाने की हिम्मत करने वाली निर्मात्री श्रीमती सुशीला देवी मीना भी आदिवासी महिला ही है । और इस फिल्म के कर्ता धर्ता बादल झरवाल भी आदिवासी ही है। इसलिए भारत के हर दर्शक वर्ग के साथ ही साथ आदिवासियों को तो इस फिल्म को अवश्य ही देखना चाहिए। कारण कि इस फिल्म के जरिये आदिवासी मीणा जनजाति के गौरवशाली इतिहास की ऐतिहासिक यादों को एक अद्भुत और पवित्र प्रेम कहानी के जरिए बहुत ही लाजवाब ढंग से दिखाया गया है।