मीनेश चंद्र मीणा
हैलो सरकार न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। अपनी ही सरकार को आड़े हाथों लेते हुए राजस्थान सरकार के राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने पुलिस कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा।
सरकार में रहते हुए पहली बार किसी मंत्री ने पुलिस कर्मियों की समस्याओं को लेकर अपने ही सरकार के मुखिया को पत्र लिखना पड़ा। क्योंकि पुलिस कर्मचारी ना तो हड़ताल कर सकते हैं, ना ही संगठन बना सकते हैं, ना ही अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसी नेता को आगे खड़ा कर अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं।

हैलो सरकार इस मुद्दे को पहले भी उठा चुका है कि पुलिसकर्मियों की पदोन्नति के लिए ना तो डीपीसी होती है, नाही मेहनत के अनुसार वेतन और भत्ते मिलते हैं। यहां तक कि राजकीय सेवा के दौरान शहीद होने पर पुलिस कर्मचारियों को शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जाता है, इस प्रकार की बात बड़े दुःख और पीड़ा देने वाली बात है। जिसके भरोसे कानून व्यवस्था और अपराध पर नकेल कसी जाती हो, उसी को समस्याओं से जूझना पड़े, यह किसी भी मायने में उचित नहीं हो सकती है।
राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा कि राजस्थान पुलिस कर्मियों की मांगो को बजट सत्र – 2023 में शामिल किया जाकर पुलिस विभाग में विगत कई वर्षों से अल्प वेतन (ग्रेड पे – 2400 ) पर पुलिस कॉन्स्टेबल कार्य कर रहे है। अत्यंत जोखमपुर्ण एवं हार्ड ड्यूटी देने के उपरांत भी इनको सही वेतनमान नही मिल पा रहा है पुलिस कार्मिक न तो सगंठन बना सकते हैं और न ही हडताल पर जा सकते है इनकी निम्नलिखित आवश्यक मांगो को बजट सत्र 2023-2024 में पूर्ण किया जावें। 1. पुलिस कॉस्टेबल की ग्रेड-पे 3600 की जावें। 2. डीपीसी के तहत पदोन्नति (टाईम स्केल पदोन्नति दी जावे। 3. हार्ड ड्यूटी अलाउंस 50 प्रतिशत किया जाना चाहिये। 4. मैस भत्ता 5000 प्रतिमाह किया जावे एवं जोखिम भत्ता भी दिया जाना चाहिये। 5. वर्दी भत्ता 10000 वार्षिक दिया जाना चाहिये। 6. मोटरसाईकिल भत्ता या लीटर पेट्रोल प्रतिमाह दिया जाना चाहिये । 7. स्टेशनरी भत्ता व मोबाइल रिचार्ज भत्ता दिया जान चाहिये। 8. फील्ड ट्रेवलींग अलाउंस 1000 प्रतिमाह दिया जाना चाहिये । 9. पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती में योग्यता न्युनतम स्नातक उत्तीर्ण होनी चाहिये। 10 पुलिस उप निरीक्षक सीधी भर्ती में 20 प्रतिशत पद विभागीय कार्मिका के लिए आरक्षित रखे जाये।

राज्यमंत्री मुरारी लाल मीणा ने उक्त मांगों पर मुख्यमंत्री अनुरोध करती हुए मांग की कि पुलिस कर्मियों की मांगों पर सहानुभुतिपुर्णक विचार करते हुये पुलिस कार्मिको की उपर्युक्त मांगो को बजट सत्र 2023 में सम्मिलित किया जाकर पुलिस कर्मियों को लाभान्वित किया जावे।
अब देखना होगा कि क्या राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने ही सरकार के मंत्री मुरारी लाल मीणा की बात को महत्व देते हुए पुलिस कर्मियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए बजट सेशन में विशेष बजट आवंटित करेंगे या नहीं। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बहरहाल, पुलिसकर्मी अपनी समस्याओं को लेकर बेजुबान जानवर की तरह अपना मुंह बंद किए हुए हैं।