मीनेश चंद्र मीणा
हैलो सरकार न्यूज नेटवर्क
जयपुर : कहते है – “प्रतिभाशाली व्यक्ति किसी अनुकंपा का मोहताज़ नहीं होता।” जी हाँ, यह बात पूरे सौलह आने सही है।
राजस्थान के दौसा जिले की तहसील नांगल राजावतान, छारेड़ा ग्राम पंचायत के खेड़ा बागपुरा निवासी रुपमति मीणा ने बॉम्बे से पीएचडी करने के साथ ही उनकी टीम ने सौर ऊर्जा पर हुए एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाया है।

गौरतलब है कि विश्व के सभी देशों में से कुल 15 देशों ने सौर ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विषय विशेष पर 141 टीमों ने प्रतियोगिता में लिया। परन्तु आदिवासी मीणा समाज की बेटी रूपमती ने सभी देशों के प्रतिभागियों को पछाडते हुएक्ष प्रतियोगिता की जीत को भारत के खाते में डाला।
आपको बता दें कि तीन चरण की इस प्रतियोगिता में 15 देशों की टीम को पछाड़ते हुए रूपमती के नेतृत्व में काम कर रही आईआईटी बॉम्बे की टीम ने पहला स्थान पाया। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर आईआईटी बॉम्बे के साथ देश का नाम रोशन किया है। हरित ऊर्जा पर यह प्रतियोगिता वर्चुअल मोड में ली गई। प्रतियोगिता का आयोजन स्वीच एनर्जी आलियांस टेक्सास बेस्ड एनजीओ द्वारा किया गया। इसमें टेक्सास यूनिवर्सिटी ने सहयोग प्रदान किया।

प्रतियोगिता का नाम स्वीच इंटरनेशनल एनर्जी केस कंपीटिशन (IECC) 2022 है। बतौर विजेता आईआईटी बॉम्बे की इस टीम को 8 लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी गयी है। इस प्रतियोगिता में 15 विभिन्न देशों के 141 लोग टीम में शामिल हुए।

जिसमें टीम ने अफ्रीका के घाना जैसे देश के अगले 30 साल के भविष्य की रूपरेखा रखी। उन्होंने बताया कि घाना ऐसा देश है, जहां महज 22 फीसदी घरों में ही गैस सिलेंडर इस्तेमाल किया जाता है। स्थिति ऐसी है कि यहां हर दिन 12 घंटे का पावर कट रहता है।
ऐसे में यहां के लोगों का दैनिक जीवन देखकर टीम ने उन्हें रोजमर्रा की समस्या जैसे बिजली, घरेलू गैस सहित अनेक चीजें जो वहां के वाशिंदे उनसे अपने घरों में आत्मनिर्भर बन सके इसके लिए सजेस्ट किया।